भारत में IPO में निवेश करते समय आपने ASBA IPO शब्द सुना होगा। ASBA, यानी Application Supported by Blocked Amount, SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा शुरू की गई एक प्रक्रिया है, जो IPO आवेदन प्रक्रिया को आसान और सुरक्षित बनाती है। इस सुविधा के तहत, आपके पैसे तब तक आपके बैंक खाते में रहते हैं जब तक कि आपको शेयर आवंटित नहीं किए जाते।
आइए ASBA के बारे में विस्तार से समझें, आईपीओ में ASBA क्या होता है, यह कैसे काम करता है और इसके फायदे क्या हैं।
आईपीओ में ASBA क्या होता है?
ASBA एक ऐसी विधि है जिसके जरिए IPO में शेयरों के लिए आवेदन किया जाता है। ASBA के माध्यम से आवेदक अपने बैंक खाते में धनराशि को ब्लॉक करने की अनुमति Self-Certified Syndicate Bank (SCSB) को देता है, जिससे वह IPO में भाग ले सके।
जब कोई निवेशक ASBA के माध्यम से IPO में आवेदन करता है, तो उसके आवेदन की राशि बैंक खाते में ब्लॉक कर दी जाती है। अगर निवेशक को शेयर आवंटित किए जाते हैं, तो वह राशि खाते से काट ली जाती है। यदि शेयर आवंटित नहीं होते हैं, तो अंतिम आवंटन के दिन वह धनराशि खाते से अनब्लॉक कर दी जाती है।
ASBA प्रक्रिया IPO के लिए आवेदन या बोली लगाने का सबसे आसान, तेज़ और सुविधाजनक तरीका है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि निवेशकों को ब्लॉक की गई राशि पर ब्याज मिलता रहता है। इसे वर्ष 2008 में शुरू किया गया था। ASBA सुविधा का उपयोग सभी प्रकार के निवेशक करते हैं, जिनमें रिटेल निवेशक, नॉन इंस्टीट्यूशन इन्वेस्टर्स और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स शामिल हैं।
ASBA full form: Application Supported by Blocked Amount
ASBA full form in hindi: एप्लीकेशन सपोर्टेड बाई ब्लॉक्ड अमाउंट
ASBA की मुख्य विशेषताएं
ASBA की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है:
- निवेशक ASBA के तहत IPO के लिए आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं।
- आईपीओ आवेदन के समय राशि को खाते से डेबिट नहीं किया जाता है।
- Self-Certified Syndicate Bank (SCSB) केवल निवेशक के बैंक खाते से संबंधित अमाउंट को ब्लॉक करता है।
- अलॉटमेंट होने तक राशि आपके बैंक खाते में बनी रहती है, जिससे आप अपने पैसे पर नियंत्रण बनाए रख सकते हैं।
- अगर अलॉटमेंट नहीं मिलता हैं, तो अमाउंट बिना किसी देरी के अनब्लॉक हो जाती है।
- UPI की तुलना में, ASBA में कोई भी मैंडेट अप्रूवल की आवश्यकता नहीं होती है।
- SEBI ने IPO आवेदन के लिए ASBA को अनिवार्य कर दिया है, जो पारदर्शिता और निवेशक सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
ASBA IPO आवेदन प्रक्रिया
ASBA ने IPO प्रक्रिया को आसान और तेज बना दिया है, क्योंकि यह निवेशकों की पेमेंट कन्फर्म होते ही राशि को ब्लॉक कर देता है। इससे चेक और डिमांड ड्राफ्ट के जरिए पेमेंट करने की आवश्यकता खत्म हो जाती है। निवेशक ASBA का उपयोग करके IPO के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, ऑनलाइन ASBA IPO प्रक्रिया ऑफलाइन प्रक्रिया की तुलना में ज्यादा आसान और तेज़ है।
ASBA द्वारा IPO के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
ऑनलाइन ASBA IPO आवेदन बैंक की नेट बैंकिंग सर्विसेज के माध्यम से किया जा सकता है, जो ASBA सुविधा प्रदान करती हैं। सुनिश्चित करें कि आपका बैंक ASBA सुविधा प्रदान करता है (भारत के अधिकांश प्रमुख बैंक यह सर्विस प्रदान करते हैं)।
ऑनलाइन ASBA IPO आवेदन के स्टेप
- अपने नेट बैंकिंग अकाउंट में लॉगिन करें, जो ASBA सेवाएं प्रदान करता है।
- Investments सेक्शन में जाएं और IPO मेन्यू ढूंढे।
- उस IPO को सेलेक्ट करें जिसके लिए आवेदन करना है।
- आपको नाम, PAN नंबर और डीमैट जैसी बेसिक जानकारी भरनी होगी।
- Bid से संबंधित जानकारी दर्ज करें, जैसे शेयर की संख्या और कीमत।
- ASBA से आईपीओ के लिए आवेदन करने के बाद, आप NSE या BSE की वेबसाइट पर आवेदन के स्टेटस की जांच कर सकते हैं।
ASBA द्वारा IPO के लिए ऑफलाइन आवेदन कैसे करें?
निवेशक ऑफलाइन IPO आवेदन के लिए फिजिकल IPO एप्लिकेशन फॉर्म या ASBA फॉर्म भरकर इसे नजदीकी Self-Certified Syndicate Bank (SCSB) शाखा में जमा कर सकते हैं। ऑफलाइन IPO आवेदन प्रक्रिया मैन्युअल और समय लेने वाली होती है।
ऑफलाइन ASBA IPO आवेदन के स्टेप
- IPO आवेदन फॉर्म अपने ब्रोकर से प्राप्त करें या NSE/BSE वेबसाइट से डाउनलोड करें।
- पर्सनल जानकारी भरें, जैसे नाम, पता, कॉन्टैक्ट नंबर, डीमैट अकाउंट और PAN।
- अपनी Bid का विवरण भरें, जैसे शेयरों की संख्या, कीमत, और निवेशक कैटेगरी का चयन करें।
- भुगतान विवरण दर्ज करें, जिसमें ASBA बैंक अकाउंट नंबर हो।
- एक बार जब आप आवेदन जमा करने के बाद बैंक आवेदन का विवरण स्टॉक एक्सचेंज को भेजता है और निर्धारित bid amount आपके बैंक खाते में ब्लॉक कर देगा।
- फॉर्म जमा करने के बाद निवेशकों को एक रसीद (काउंटरफॉइल) प्राप्त करनी चाहिए, जो उनके आवेदन का प्रमाण है।
ASBA IPO लिमिट
- निवेशक एक IPO के लिए अधिकतम 3 बोली लगा सकते हैं।
- एक बैंक खाते से केवल एक IPO आवेदन जमा किया जा सकता है।
- QIBs और NIIs एक बार bid जमा करने के बाद उसे वापस नहीं ले सकते है।
- QIBs और NIIs कट-ऑफ प्राइस पर अपनी bid जमा नहीं कर सकते है।
- कई बैंकों के पास IPO आवेदन जमा करने के लिए आखिरी दिन का अपना निर्धारित कट-ऑफ टाइम होता है। निवेशकों को इसे ध्यान में रखते हुए समय पर आवेदन करना चाहिए।
IPO के लिए ASBA नियम और पात्रता
- आप भारतीय निवासी निवेशक होने चाहिए।
- निवेशकों के पास ASBA सुविधा प्रदान करने वाले बैंक में खाता होना चाहिए।
- ऑनलाइन ASBA आवेदन करने के लिए निवेशकों के पास संबंधित ASBA बैंक खाते की एक्टिव नेट बैंकिंग सुविधा होनी चाहिए।
- निवेशकों के पास वैलिड PAN नंबर के साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना आवश्यक है।
- निवेशकों को Self-Certified Syndicate Banks (SCSB) के जरिए बैंक खाते में धनराशि ब्लॉक करके आवेदन करना होगा।
- निवेशकों के बैंक अकाउंट में आवेदन राशि के लिए पर्याप्त धनराशि होनी चाहिए।
ASBA चार्ज
ASBA सुविधा का उपयोग करके IPO के लिए आवेदन करने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाता है।
ASBA IPO का समय
- IPO की ओपनिंग डेट के दिन सुबह 10 बजे से आवेदन कर सकते हैं।
- IPO की क्लोजिंग डेट के दिन शाम 5 बजे तक आवेदन किया जा सकता है। कई बैंक आखिरी दिन केवल दोपहर 2 से 3 बजे तक ही आवेदन स्वीकार करते हैं।
ASBA IPO के लाभ
- रिफंड को मैन्युअली प्रबंधित करने की आवश्यकता नहीं होती है, सबकुछ ऑटोमैटिक होता है।
- अलॉटमेंट तक फंड आपके बैंक खाते में रहता है, जिससे धोखाधड़ी का जोखिम कम हो जाता है।
- चूंकि ASBA SEBI द्वारा निगरानी में है, यह निवेशक सुरक्षा के लिए सख्त दिशानिर्देशों का पालन करता है।
- सभी रिटेल निवेशकों के लिए उपलब्ध, ASBA IPO प्रक्रिया को सरल और परेशानी मुक्त बनाता है।
ASBA और UPI
ASBA और UPI IPO आवेदन के दो मुख्य तरीके हैं। निवेशक इन दोनों तरीकों का उपयोग ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन के लिए कर सकते हैं।
- ASBA को 2008 में पेश किया गया था और 2016 से इसे सभी IPO आवेदनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया था।
- UPI को 2019 में SEBI द्वारा IPO आवेदन प्रक्रिया के लिए पेमेंट सिस्टम के रूप में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य आवेदन प्रक्रिया में ऑफलाइन कार्यों का डिजिटलीकरण करना था।
ASBA और UPI IPO आवेदन एक जैसे सिद्धांत पर काम करते हैं। इसमें निवेशक के बैंक खाते से आवेदन राशि को UPI मेन्डेट अप्रूवल के बाद ब्लॉक किया जाता है। इसलिए, कभी-कभी UPI को UPI ASBA प्रक्रिया भी कहा जाता है।
ASBA vs UPI: तुलना
ASBA | UPI |
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ASBA-सपोर्टेड बैंकों में खाता आवश्यक | UPI ID आवश्यक |
ऑनलाइन आवेदन में केवल Bid विवरण दर्ज करना होता है, इसलिए यह तेज़ है। | UPI ID और Bid विवरण दर्ज करना होता है और UPI मेन्डेट को अप्रूव करना होता है। |
ऑफलाइन ASBA फॉर्म नजदीकी SCSB शाखा में जमा करना होता है। | UPI पेमेंट माध्यम के साथ ऑफलाइन फॉर्म किसी भी ब्रोकर, सिंडिकेट मेंबर, DP या रजिस्ट्रार को जमा किया जा सकता है, लेकिन SCSB में नहीं। |
बैंक द्वारा फंड ब्लॉक किया जाता है। | UPI मेन्डेट अप्रूवल के बाद फंड ब्लॉक किया जाता है। |
सभी निवेशक कैटेगरी के लिए उपलब्ध, एंकर निवेशकों को छोड़कर। | केवल व्यक्तिगत निवेशकों के लिए उपलब्ध, अधिकतम ₹5 लाख तक आवेदन कर सकते हैं। |
केवल बैंक यह सुविधा प्रदान करते हैं। | बैंक और ब्रोकर दोनों UPI सुविधा प्रदान करते हैं। |
प्री-IPO आवेदन संभव नहीं। | प्री-IPO आवेदन संभव है, यदि ब्रोकर यह सुविधा प्रदान करता है। |